Jaana Ve

मोहब्बत, इबादत, शिकायत मैं जिससे करूँ
वो तुम हो, तुम्हीं हो, जान-ए-जाँ
गुज़ारिश या ख़्वाहिश, फ़रमाइश मैं जिससे करूँ
वो तुम हो, तुम्हीं हो, साथिया

चेहरा तेरा माँगे आँखें मेरी, ओ, जानाँ
तेरी जुस्तजू में कटता हर दिन मेरा

जानाँ वे, जानाँ वे, मोहब्बत करते रहना रे
हो मौसम चाहे कैसा भी, हमेशा मेरा रहना रे
जानाँ वे, जानाँ वे, मोहब्बत करते रहना रे
हो मौसम चाहे कैसा भी, हमेशा मेरा रहना रे

जानाँ वे, जानाँ वे, मोहब्बत करते रहना रे
हो मौसम चाहे कैसा भी, हमेशा मेरा रहना रे
जानाँ वे, जानाँ वे, मोहब्बत करते रहना रे
हो मौसम चाहे कैसा भी, हमेशा मेरा रहना रे

ख़यालों में मैंने तुझको बुना था
हक़ीक़त में मुझको तू मिल गया
यही सोच के मैं ख़ुद हैराँ हूँ
रब को ये कैसे पता चल गया?

लिखी थी मुक़द्दर में चाहत तेरी, ओ, जानाँ
कि तू जहाँ में मेरा हो ही गया

जानाँ वे, जानाँ वे, मोहब्बत करते रहना रे
हो मौसम चाहे कैसा भी, हमेशा मेरा रहना रे
जानाँ वे, जानाँ वे, मोहब्बत करते रहना रे
हो मौसम चाहे कैसा भी, हमेशा मेरा रहना रे

तेरी आरज़ू में कब से जी रहा था
तेरी जुस्तजू थी मुझे बेपनाह
निगाहों से मेरी तू दूर ना जाना
बाँहों में मेरी घर है तेरा

मेरी हर तमन्ना है पूरी हुई, ओ, जानाँ
महका हुआ है हर लम्हा मेरा

जानाँ वे, जानाँ वे, मोहब्बत करते रहना रे
हो मौसम चाहे कैसा भी, हमेशा मेरा रहना रे
जानाँ वे, जानाँ वे, मोहब्बत करते रहना रे
हो मौसम चाहे कैसा भी, हमेशा मेरा रहना रे

जानाँ वे
जानाँ वे
जानाँ वे



Credits
Writer(s): Sayeed Quadri, Mithun Naresh Sharma
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