Kari Kajrari Re Ankhiyan

कारी कजरारे रे अँखिया मध नीयन बतिया हो
जइसने कल्पना हो रहे ओइसने सुरतिया हो!
जइसने कल्पना हो रहे ओइसने सुरतिया हो!
हंसमुख लागेला रूपवा साँवर साँवरिया हो
जइसने कल्पना हो रहे ओइसने सुरतिया हो!
जइसने कल्पना हो रहे ओइसने सुरतिया हो
भंवरा नीयन हो मनवा ऐने ओने घूमे हो
गलिया तोहार हो बूझि फुलवा के चूमे हो
सुध् बुध् लूट हो लिहल निंदिया चुरवला हो
ऐ हो निरमोही सँवरिया पगली बनवला हो
केतनो जे रोक ले मनवा तोहरे पीछे भागे हो
सूझे ना कवनो रूपवा तोहरा अब आगे हो!
सूझे ना कवनो रूपवा तोहरा अब आगे हो
दिन दुपहरिया रतिया बस इहे लागे हो
तोहरे में सुते अँखिया तोहरे में जागे हो!
तोहरे में सुते अँखिया तोहरे में जागे हो!



Credits
Writer(s): Madhukar Anand
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