Main Hoon Hero Tera (Armaan Malik Version) [from "Hero"]

आँखों के पन्नों पे मैंने लिखा था १०० दफ़ा
लफ़्ज़ों में जो इश्क़ था हुआ ना होंठों से बयाँ

ख़ुद से नाराज़ हूँ, क्यूँ बे-आवाज़ हूँ?
मेरी ख़ामोशियाँ हैं सज़ा
दिल है ये सोचता, फिर भी नहीं पता
किस हक़ से कहूँ बता?

कि मैं हूँ hero तेरा, कि मैं हूँ hero तेरा, हाँ
कि मैं हूँ hero तेरा, कि मैं हूँ hero तेरा, हाँ

मैं हूँ hero, hero तेरा

राहों में भी हर क़दम मैं तेरे चला
हाथों में थे ये हाथ, मगर फिर भी रहा फ़ासला

सीने में हैं छुपे एहसास प्यार के
बिन कहे तू सुन ले ज़रा
दिल है ये सोचता, फिर भी नहीं पता
किस हक़ से कहूँ बता?

कि मैं हूँ hero तेरा, कि मैं हूँ hero तेरा, हाँ
कि मैं हूँ hero तेरा, कि मैं हूँ hero तेरा, हाँ

तेरी वजह से हैं मिली जीने की सब ख़्वाहिशें
पा लूँ तेरे दिल में जगह, हैं ये मेरी कोशिशें

मैं बस तेरा बनूँ, बिन तेरे ना रहूँ
मैंने तो माँगी है ये दुआ
दिल है ये सोचता, फिर भी नहीं पता
किस हक़ से कहूँ बता?

कि मैं हूँ hero तेरा, कि मैं हूँ hero तेरा, हाँ
कि मैं हूँ hero तेरा, कि मैं हूँ hero तेरा, हाँ

कि मैं हूँ hero तेरा, कि मैं हूँ hero तेरा, हाँ
कि मैं हूँ hero तेरा, कि मैं हूँ hero तेरा, हाँ



Credits
Writer(s): Amal Israr Mallik
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