Dheere Dheere

धीरे धीरे चोरी चोरी
जब भी अँधेरा छाए
एक तनहा सा चाँद निकलकर
सब रोशन कर जाएँ
हर तरफ यहाँ मदहोशियाँ
फिर भी दिल में मंज़र हैं प्यास का

धीरे धीरे चोरी चोरी
जब भी अँधेरा छाए
एक तनहा सा चाँद निकलकर
सब रोशन कर जाएँ
हर तरफ यहाँ मदहोशियाँ
फिर भी दिल में मंज़र हैं प्यास का

कभी ख़ुशी हैं
कभी कोई ग़म
कभी हसीं हैं
आँखें कभी नम
जियो हस के या रों के जियो
जीना पड़ता हैं हर मौसम
बेखुदी मस्तियाँ सब यहां हैं
ले मजा इनका तू जानम

हर तरफ यहां मदहोशियाँ
फिर भी दिल में मंज़र हैं प्यास का

धीरे धीरे चोरी चोरी
जब भी अँधेरा छाए
एक तनहा सा चाँद निकलकर
सब रोशन कर जाएँ
हर तरफ यहाँ मदहोशियाँ
फिर भी दिल में मंज़र हैं प्यास का

कभी लगा काश
कभी लगा दम
ढूंढा ले अपना
कोई हमदम
कौन कहता हैं तनहा रहो
अच्छा होता नहीं तन्हापन
प्यास हैं जाम हैं साकिया हैं
ले मज़ा इनका तू जानम

हर तरफ यहां मदहोशियाँ
फिर भी दिल में मंज़र हैं प्यास का

धीरे धीरे चोरी चोरी
जब भी अँधेरा छाए
एक तनहा सा चाँद निकलकर
सब रोशन कर जाएँ
हर तरफ यहाँ मदहोशियाँ
फिर भी दिल में मंज़र हैं प्यास का



Credits
Writer(s): Anu Malik, Sayeed Quadri
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link