Sang Sang Chalungi Main

संग-संग चलूँगी मैं, बन के बसंती पवन
संग-संग चलूँगी मैं, बन के बसंती पवन
अपने ग़म मुझे दे-दे, ओ, मेरे सजन, ओ, मेरे सजन

संग-संग चलूँगी मैं, बन के बसंती पवन
अपने ग़म मुझे दे-दे, ओ, मेरे सजन, ओ, मेरे सजन
संग-संग चलूँगी मैं...

डाल है वो, दरख़्त नहीं जो आँधी में झुक जाए
मंज़िल ना मिले उस को जो रस्ते में रुक जाए
ज़िंदगी का यही मौसम, कभी खुशियाँ, कभी हैं ग़म
चाहत से आ महका दूँ दिल का चमन

संग-संग चलूँगी मैं, बन के बसंती पवन
संग-संग चलूँगी मैं, बन के बसंती पवन
अपने ग़म मुझे दे-दे, ओ, मेरे सजन, ओ, मेरे सजन
संग-संग चलूँगी मैं...

सच मानो चराग़ है वो, जो तूफ़ाँ में जलता है
मेहनत से सदा इंसाँ तक़दीरें बदलता है
लड़ेगा तू इरादा कर, ना हारेगा, ये वादा कर
जल-जल के ही बुझती है मन की अगन

संग-संग चलूँगी मैं, बन के बसंती पवन
संग-संग चलूँगी मैं, बन के बसंती पवन
अपने ग़म मुझे दे-दे, ओ, मेरे सजन, ओ, मेरे सजन

संग-संग चलूँगी मैं, बन के बसंती पवन
अपने ग़म मुझे दे-दे, ओ, मेरे सजन, ओ, मेरे सजन
ओ, मेरे सजन, ओ, मेरे सजन



Credits
Writer(s): Sameer Anjaan, Nadeem Saifi, Shravan Rathod
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