Barf Si

बर्फ़ सी तू पिघल जा सर्दी की सर्द रातों में

बर्फ़ सी तू पिघल जा सर्दी की सर्द रातों में
मैं तुझमें जी रहा हूँ, बस तू है मेरे इरादों में
बर्फ़ सी तू पिघल जा सर्दी की सर्द रातों में
मैं तुझमें जी रहा हूँ, बस तू है मेरे इरादों में

हाँ, कर रही है तेरी मोहब्बत ज़िंदगी में मेरी शिरकत
इश्क़ में अपने भिगा दे, ख़्वाहिशों की कर दे बरकत
हाँ, कर रही है तेरी मोहब्बत ज़िंदगी में मेरी शिरकत
इश्क़ में अपने भिगा दे, ख़्वाहिशों की कर दे बरकत

बेपनाह तेरे इश्क़ में गया हूँ मैं जान से
रिवाजों से दूर होके, हो गया तेरा मैं ईमान से

तू गुनगुनी रात है, तू गुनगुनी है सुबह
बंदिशों से मेरी मुझे आ कर दे रिहा
तू मुझे दे भी दे जीने की वजह

बर्फ़ सी तू पिघल जा सर्दी की सर्द रातों में
मैं तुझमें जी रहा हूँ, बस तू है मेरे इरादों में

तू जो आई, इत्र हवाओं में बिखर गया
ज़र्रा-ज़र्रा रूह का मेरी निखर गया

तू लाज़मी हर पल में है, सुन ले मेरी इल्तिजा
हर भरम अब हो गया तेरा-मेरा फ़लसफ़ा
तू मुझे दे भी दे जीने की वजह

बर्फ़ सी तू पिघल जा सर्दी की सर्द रातों में
मैं तुझमें जी रहा हूँ, बस तू है मेरे इरादों में



Credits
Writer(s): Harry Baldevraj Anand, Amit Khan
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