Yeh Daagh Daagh Ujala, Pt. 1

ये दाग़-दाग़ उजाला, ये शब-गज़ीदा शहर
वो इंतज़ार था जिसका, ये वो सहर तो नहीं?

अभी गरानी ये शब में कमी नहीं आई
निजात-ए-दीद दिल की घड़ी नहीं आई
चले चलो कि वो मंज़िल अभी नहीं आई
वो इंतज़ार था जिसका, ये वो सहर तो नहीं?



Credits
Writer(s): Faiz Ahmed Faiz, Ghulam Mustafa Khan
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