Sakhi Ri (From "Vodka Diaries")

सखी रे
पिया को जो मैं न देखूं
तो कैसे काटूं
अंधेरी रतियाँ

सखी रे
पिया को जो मैं न देखूं
तो कैसे काटूं
अंधेरी रतियाँ

वो जिनमे उनकी थी रौशनी हो
कहीं से लादो मुझे वो अँखियाँ

सखी रे
पिया को जो मैं न देखूं
तो कैसे काटूं
अंधेरी रतियाँ

दिलों की बातें दिलों के अंदर
ज़रा सी जिद्द से दबी हुई है

वो सुनना चाहे ज़ुबान से सबकुछ

वो सुनना चाहे ज़ुबान से सबकुछ
मैं कर ना चाहुँ नज़र से बतिया

ये इश्क़ क्या है
ये इश्क़ क्या है

ये इश्क़ क्या है
ये इश्क़ क्या है

सुलगती साँसे
तरसती आँखे
मचलती राहे
धड़कती छतिया

मैं कैसे मानु
बरसते नैनो तुमने
देखा है पीकू आँते

ना काग बोले
ना मोर नाचे

ना कूके कोयल
ना चटके कलियाँ

सखी रे
पिया को जो मैं न देखूं
तो कैसे काटूं
अंधेरी रतियाँ

सखी रे
पिया को जो मै देखूं
तो कैसे काटूं
अंधेरी रतियाँ



Credits
Writer(s): Aalok Shrivastav, Sandesh Shandilya
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