Sab Ke Jeewan Pran Adhar

सबके जीवन प्राण आधार
करो तुम विश्व का कल्याण
सबके जीवन प्राण आधार
करो तुम विश्व का कल्याण

हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई
अलग-अलग सब धर्म बनाई
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई
अलग-अलग सब धर्म बनाई

जात-पाति के भेद-भाव से
उजड़ रहा संसार

करो तुम विश्व का कल्याण
सबके जीवन प्राण आधार
करो तुम विश्व का कल्याण

आपस में कटता-मरता है
करता कुछ ना विचार, हो
आपस में कटता-मरता है
करता कुछ ना विचार

एक पिता के बालक हम सब
वही है जीवन-हार

करो तुम विश्व का कल्याण
सबके जीवन प्राण आधार
करो तुम विश्व का कल्याण

भेद-भाव सब मन से मिटाकर
भाई-भाई रहना मिलकर
भेद-भाव सब मन से मिटाकर
भाई-भाई रहना मिलकर

चमक उठेगा देश तुम्हारा
तब होगा उद्धार

करो तुम विश्व का कल्याण
सबके जीवन प्राण आधार
करो तुम विश्व का कल्याण

सबके जीवन प्राण आधार
करो तुम विश्व का कल्याण



Credits
Writer(s): Chitragupta Chitragupta, Smt Lalita Shastri
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