Koi Sabab Zaroor Tha

कोई सबब ज़रूर था
कोई सबब ज़रूर था तुम जो खफ़ा हुए
कोई सबब ज़रूर था तुम जो खफ़ा हुए
अपनी ख़ुशी से हम भी कहा बेवफा हुए

कोई सबब ज़रूर था तुम जो खफ़ा हुए
अपनी ख़ुशी से हम भी कहाँ बेवफा हुए
कोई सबब ज़रूर था

आज़ादिया तुम्हे तो मयस्सर है रात-दिन
हो-हो-हो, आज़ादिया तुम्हे तो मयस्सर है रात-दिन
आज़ादिया तुम्हे तो मयस्सर है रात-दिन
लेकिन तुम्हारी ज़ुल्फ़ से हम कब रिहा हुए
अपनी ख़ुशी से हम भी कहाँ बेवफा हुए
कोई सबब ज़रूर था

रुखसत की रस्म खूब निभाई है तुमने यार
रुखसत की रस्म खूब निभाई है तुमने यार
रुखसत की रस्म खूब निभाई है तुमने यार
होकर जुदा, जुदा ना हुए, यूँ जुदा हुए
अपनी ख़ुशी से हम भी कहाँ बेवफा हुए
कोई सबब ज़रूर था

आते है याद हमको जवानी के रोज़-ओ-शब
आ, आते है याद हमको जवानी के रोज़-ओ-शब
आते है याद हमको जवानी के रोज़-ओ-शब
चुटकी बजाई वक्त ने, लम्हे हवा हुए
अपनी ख़ुशी से हम भी कहाँ बेवफा हुए

कोई सबब ज़रूर था
कोई सबब ज़रूर था
कोई सबब ज़रूर था



Credits
Writer(s): Anup Jalota, Navroze Kotwal
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