Biti Mahari Sone Ki Hoti

बिंटी म्हारी सोने की होती बिंटी म्हारी चाँदी की होती
ना बालक बनडी का बन्ना मुख से तो बोलो तो सही
मैं दिन ओँगली मैं रहेती एक दिन छुट्टी पे रहेती
ओ मूंख में पान को बीड़ो कया बोलू मैं बनडी
बिटी म्हारी जोधाड़े की घड़ाई बीकानेर में रतन झड़ाई
ओ एक दिन पिहरिये रहेती ओ एक दिन सासरिय रहेती



Credits
Writer(s): Nirmal Mishra, Traditional
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