Zabt E Dil (From "Pareshaan Parinda - Ek Bechara")

ये दिल मेरा तेरे पास सोता क्यूँ?
यूँ हद से ज़्यादा तुझे याद कर रोता क्यूँ?
ये दिल मेरा तेरे पास सोता क्यूँ?
यूँ हद से ज़्यादा तुझे याद कर रोता क्यूँ?

खुदाई सारी छोड़ कर
तुझ से मिलना रोक कर
हर लमहा तेरे पास सँजोता क्यूँ?

ज़ब्त-ए-दिल क्यूँ है? ज़ब्त-ए-दिल मेरा
ज़ब्त-ए-दिल क्यूँ है तेरे पास मेरा?
ज़ब्त-ए-दिल क्यूँ है? ज़ब्त-ए-दिल मेरा
ज़ब्त-ए-दिल क्यूँ है तेरे पास मेरा?

मेरी जान में बसी हो तुम सदा
तुम्हें पाकर मैं यूँ ज़िंदा हुआ

बंधन सारे तोड़ कर
मंज़िलें खुदा पर छोड़ कर
ज़िक्र तेरा सब से किया है

ज़ब्त-ए-दिल क्यूँ है? ज़ब्त-ए-दिल मेरा
ज़ब्त-ए-दिल क्यूँ है तेरे पास मेरा?
ज़ब्त-ए-दिल क्यूँ है? ज़ब्त-ए-दिल मेरा
ज़ब्त-ए-दिल क्यूँ है तेरे पास मेरा?

रिश्ता ये हमारा खुदा की मर्ज़ी थी
तेरे-मेरे मिलने की एक अर्ज़ी थी

धड़कनें सारी रोक कर
कहानी अधूरी छोड़ कर
क्यूँ ऐसे तुम ने अलविदा कहा मुझे?

ज़ब्त-ए-दिल क्यूँ है? ज़ब्त-ए-दिल मेरा
ज़ब्त-ए-दिल क्यूँ है तेरे पास मेरा?
ज़ब्त-ए-दिल क्यूँ है? ज़ब्त-ए-दिल मेरा
ज़ब्त-ए-दिल क्यूँ है तेरे पास मेरा?

ज़ब्त-ए-दिल क्यूँ है? ज़ब्त-ए-दिल मेरा
ज़ब्त-ए-दिल क्यूँ है तेरे पास मेरा?



Credits
Writer(s): Tapeshvar Kalia
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