Sai Nawazish

मेरी जफ़ा पे भी मुस्कुराते है
और वफ़ा पे भी मुस्कुराते है
मुझसे प्यार है उनका
वो मेरे हर ऐब को छुपाते है
मुझे तो एहसास है कुछ वो
के मेरे पासआते है
उन्हें खबर लगे कोई
के मेरा दिल नहीं बस में
तब अपने दिल को निकाल के
वो मेरे पास लाते हैं
सिखाते हैं वो करुणा प्रेम
एक दिन सीख जाऊंगा
वो मुझको प्यार करने
की पुरानी ऋतु बताते है
साईआशीष कैसे शुक्र हो
उनकी नवाज़िश का
वो मूरत बनके खुद ही
खुद से खुद को बेच आते है
जिधर भी देखता हूँ
देखती है उनकी नज़रे बस
मै कैसे कहदो के मुझको
कभी वो भूल जाते है
आये है आज भी पहलु
में लेके मेरे दर्दो को
मैने पूछा तो मेरे दर्द
को अपना बताते है



Credits
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link