Bin Tere Sanam - Recreated Version

रब जाने, कब से है दिल तुझसे आशना
लगता है तू मेरे ख़्वाबों का आइना

ना दिल पे कोई ज़ोर है, ना ख़ुद पे ही इख़्तियार है
ख़ुद से भी ज़्यादा धड़कनों को तुझ पे क्यूँ ऐतबार हैं?

बिन तेरे सनम मर मिटेंगे हम, आ मेरी ज़िंदगी
बिन तेरे सनम मर मिटेंगे हम, आ मेरी ज़िंदगी
ओ, आना ही पड़ा, सजना, ज़ालिम है दिल की लगी
हो, आना ही पड़ा, सजना, ज़ालिम है दिल की लगी

बिन तेरे...
बिन तेरे...

हर पल ये साँसें बस तेरा नाम ले
फिर से जी लूँ मैं, आ मुझको थाम ले
इन ख़्वाहिशों को क्या हुआ? क्यूँ इस क़दर बेक़रार है?
अब एक पल भी बा-ख़ुदा ये दूरियाँ नागवार है

ना दिल पे कोई ज़ोर है, ना ख़ुद पे ही इख़्तियार है
ख़ुद से भी ज़्यादा धड़कनों को तुझ पे क्यूँ ऐतबार हैं?

बिन तेरे सनम मर मिटेंगे हम, आ मेरी ज़िंदगी
बिन तेरे सनम मर मिटेंगे हम, आ मेरी ज़िंदगी
हो, आना ही पड़ा, सजना, ज़ालिम है दिल की लगी
ओ, आना ही पड़ा, सजना, ज़ालिम है दिल की लगी

तेरे पहलू में गुज़रे जो ज़िंदगी
पल में मिट जाएँ सदियों की तिश्नगी
तू ही चाहतों में, राहतों में, आदतों में शुमार है
तेरी क़ुर्बतों के एक पल पे जिस्म-ओ-जाँ ये निसार है

ना दिल पे कोई ज़ोर है, ना ख़ुद पे ही इख़्तियार है
ख़ुद से भी ज़्यादा धड़कनों को तुझ पे क्यूँ ऐतबार हैं?

बिन तेरे सनम मर मिटेंगे हम, आ मेरी ज़िंदगी
बिन तेरे सनम मर मिटेंगे हम, आ मेरी ज़िंदगी
हो, आना ही पड़ा, सजना, ज़ालिम है दिल की लगी
ओ, आना ही पड़ा, सजना, ज़ालिम है दिल की लगी



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Jatin Lalit, Shekhar Astitva, Vikram Montrose
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