Dharti Kahe Pukar Ke

धरती कहे पुकार के, धरती कहे पुकार के
ओ, मुझको चाहने वाले, किसलिए बैठा हार के?
मेरा सब कुछ उसी का है जो छू ले मुझको प्यार से
धरती कहे पुकार के, धरती कहे पुकार के

है अजब सी बात जिस पे मुझको हँसना आए
है अजब सी बात जिस पे मुझको हँसना आए
जो मुझी से है, वो मेरी माटी से शरमाए

आ पास मेरे, मतवाले भरम ये क्यूँ बेकार के?
मेरा सब कुछ उसी का है जो छू ले मुझको प्यार से
धरती कहे पुकार के, धरती कहे पुकार के

आबरू जग में उसी की जो बस इतना जाने
आबरू जग में उसी की जो बस इतना जाने
हल चले एक हाथ में, एक हाथ कलम को थामे

फिर तुझ पे शीश झुकेंगे सारे ही संसार के
मेरा सब कुछ उसी का है जो छू ले मुझको प्यार से
धरती कहे पुकार के, धरती कहे पुकार के

ओ, मुझको चाहने वाले, किसलिए बैठा हार के?
मेरा सब कुछ उसी का है जो छू ले मुझको प्यार से
धरती कहे पुकार के, धरती कहे पुकार के



Credits
Writer(s): Laxmikant Pyarelal, Majrooh Sultanpuri
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