Behka

फिर वही रात
हैं मिज़ाज
बातों मैं खुलके, आँखो से छलके
चेहरा तेरा, ऐसा लगता
कभी ये देखा नही ये
हैं बेहका, पागल थोड़ा

दिल ये मेरे-आ
बेहका नहीं
पहले कभी-ईई होना खफा

फिर वही रात
हैं मिज़ाज
बातो मैं खुलके आँखो से छलके
चेहरा तेरा हा हा ऐसा लगता
कभी ये देखा नही ये

हैं बेहका पागल तोड़ा
दिल ये मेरे-आ
बहका नहीं
पहले कभी-ईई होना खफा



Credits
Writer(s): Udyan Sagar, Vibha Saraf
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