Shaam-E-Gham Ki Kasam (From "Footpath")

शाम-ए-ग़म की क़सम, आज ग़मगीं हैं हम
आ भी जा, आ भी जा आज, मेरे सनम
शाम-ए-ग़म की क़सम

दिल परेशान है, रात वीरान है
देख जा, किस तरह आज तन्हा हैं हम
शाम-ए-ग़म की क़सम

चैन कैसा, जो पहलू में तू ही नहीं
मार डाले ना दर्द-ए-जुदाई कहीं

रुत हसीं है तो क्या, चाँदनी है तो क्या
चाँदनी ज़ुल्म है और जुदाई सितम

शाम-ए-ग़म की क़सम, आज ग़मगीं हैं हम
आ भी जा, आ भी जा आज, मेरे सनम
शाम-ए-ग़म की क़सम

अब तो आजा कि अब रात भी सो गई
ज़िंदगी ग़म के सहराओं में खो गई
अब तो आजा कि अब रात भी सो गई
ज़िंदगी ग़म के सहराओं में खो गई

ढूँढती है नज़र, तू कहाँ है मगर
देखते-देखते आया आँखों में दम

शाम-ए-ग़म की क़सम, आज ग़मगीं हैं हम
आ भी जा, आ भी जा आज, मेरे सनम
शाम-ए-ग़म की क़सम



Credits
Writer(s): Majrooh, N/a Khaiyyaam, Jafri Ali Sardar
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