Jaaniya

दिल सुनता है तेरी सदा
आ रुबारु अब तो जरा
बेचैन सी मेरी जिंदगी
सुन कर तेरी यह दास्तां
जीना मेरा आसान कर
तू मील के येह एहसान कर
कही खो गया चैन ओ सुकुन
तेरे दर्द को अब जान कर

जानिया ओ जानिया
बस रोये दिल मेरा
आंसू पलकों पे नही है बेवजाह
दिल है गम जदा जानिया

तुझे पा लिया या खो दिया
इस बात पर दिल रो दिया
के चाह कर तु ना आ सके
तु वक्त है गुजरा हुआ
तुझे रख लिया इन यादों ने
एक फूल सा किताबो में
इस दिल में तु रहेगा सदा
और महकेगा ईन साँसों में

रातों में तु जल जाता है
चेहरों में तु ढल जाता है
तारा है तु मुझ में टुटा सा
नींदों से जगा देता है
पलकों को भिगो देता है
दरिया है तु मुझ में डुबा सा
हर वक्त ख्वाबों की तरह
तु आता रहा

जानिया ओ जानिया
दिन क्या रात क्या
आहट हो कोई
लगता है सदा
के तु है वजह जानिया
जानिया ओ जानिया
बस रोये दिल मेरा
आंसू पलकों पे नही है बेवजाह
दिल है गम जदा जानिया



Credits
Writer(s): Junaid Wasi
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