Palbhar Hi Ki Pehchan Main

पल-भर ही की पहचान में परदेसी सनम से
पल-भर ही की पहचान में परदेसी सनम से
लगता है कि हम जानते हों जनम-जनम से
लगता है कि हम जानते हों जनम-जनम से

निगाहें चौंकी, दिल किसी दूसरी दुनिया में खो गया
किसे देखा है कि ज़िंदगी से मुझे प्यार हो गया
किस ने महका दिया है आ के राहों को मेरी

राहों के भाग जाग गए किस के क़दम से
लगता है कि हम जानते हों जनम-जनम से
लगता है कि हम जानते हों जनम-जनम से

किसी जीवन में सही तुम से मेरी प्रीत रही
तुम से मेरी प्रीत रही
जो गीत भूल गए, आज लगते हैं नए

एहसान है क़िस्मत का, मिलाया तुम्हें हम से
लगता है कि हम जानते हों जनम-जनम से
लगता है कि हम जानते हों जनम-जनम से

ज़रा शरमाना और मुस्काना, है निशानी प्यार की
बिना बोले ही नैन कह देते हैं कहानी प्यार की
जिसने दिल हार दिया, उसने जग जीत लिया

दिल देके क्या मिला, ना कहा जाएगा हम से
लगता है कि हम जानते हों जनम-जनम से
लगता है कि हम जानते हों जनम-जनम से

पल-भर ही की पहचान में परदेसी सनम से
लगता है कि हम जानते हों जनम-जनम से
लगता है कि हम जानते हों जनम-जनम से



Credits
Writer(s): Mukesh, Indeewar
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