Shaam

शाम को भी फ़िक्र नहीं
जल्दी ढल जाने की
वक़्त भी धीमे चले
हो तुम जो मुस्कुराये

रात की दीवारों पे
काली अँधेरी
कूद के हम तुम चलो
कहीं दूर जाएँ

आसमानों के परे
तेरे मेरे दिल की है ये सुबह
सूरज नहीं है यहां
फिर भी सवेरा है मेरा जहां
हो तुम जो साथ आए

जाने दो इन हवाओं को
खामोश है ये रुके
शोर ना धड़कन करे
हो तुम जो गुनगुनाए

आसमानों के परे
तेरे मेरे दिल की है ये सुबह
सूरज नहीं है यहां
फिर भी सवेरा है मेरा जहां
हो तुम जो साथ आए

शाम को भी फ़िक्र नहीं
जल्दी ढल जाने की
वक़्त भी धीमे चले
हो तुम जो मुस्कुराये



Credits
Writer(s): Pavan Gaikwad
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