Rahi Na

रही ना मैं अब मेरी
रही ना मैं अब मेरी
हो गई हूँ कुछ तेरी

मोहे अब और ना तरसा
तू नीर मेरा, मैं मीन तेरी
मोहे अब और ना तरसा
तू नीर मेरा, मैं मीन तेरी
रही ना मैं अब मेरी

बंध गई हूँ मैं
बंध गई हूँ जनम-जनम के लिए
तेरे प्रीत बंधन से
लिपटा है तू अजगर जैसे
मेरे मन के चंदन से

मुझे नहीं भान मेरा
जपती हूँ नाम तेरा
अपने दरस से भर दे
नैन गगरिया मेरी

मोहे अब और ना तरसा
तू नीर मेरा, मैं मीन तेरी
रही ना मैं अब मेरी

इतना सोहे, इतना सोहे अब तू मोहे
जैसे आँखों को अंजन
तेरा ही रस्ता देख रहा है
मेरा ये पागल मन

मेरे मन के मंदिर में
गूंजे नाम तेरा
अपने ही रंग में रंग दे
कर ना देरी

मोहे अब और ना तरसा
तू नीर मेरा, मैं मीन तेरी
रही ना मैं अब मेरी
रही ना मैं अब मेरी

रही ना मैं अब मेरी
रही ना मैं अब मेरी



Credits
Writer(s): Laado Suwalka, Rishabh Srivastava
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