Aankh Hai Bhari Bhari - Recreated Version

मेरे हालात ऐसे हैं
के मैं कुछ कर नहीं सकता आ
मेरे हालात ऐसे हैं
के मैं कुछ कर नहीं सकता
तड़पता है ये दिल लेकिन
ये आहें भर नहीं सकता

ज़ख्म हरा हरा और तुम
चोट खाने की बात करते हो
आँख है भरी भरी और तुम
मुस्कुराने की बात करते हो

ज़माने में भला कैसे
मुहब्बत लोग करते हैं आ
ज़माने में भला कैसे
मुहब्बत लोग करते हैं
वफ़ा के नाम की अब तो
शिकायत लोग करते हैं

आग है बुझी बुझी और तुम
लौ जलाने की बात करते हो
आँख है भरी भरी और तुम
मुस्कुराने की बात करते हो
आँख है भरी भरी और तुम
मुस्कुराने की बात करते हो



Credits
Writer(s): Nadeem Shravan, Sameer, Jaydeep Hora, Aayush Jain
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