Yaadon Ka Bundergah

कशतियाँ खड़ी हैं कई, फुसफुसातीं कुछ
ना मल्लाहों को ख़बर, ना लहरों को पता

बातों का लंगर डाले
जुड़ रहा यादों का बंदरगाह
यादों का बंदरगाह

बेबाक हवाओं में अब हौले से कौन बोले
कि मन हल्का करने आज, सागर भी रो ले
तुम्हारे अश्क इन से ज़्यादा तो नहीं
तुम्हारे अश्क इन से ज़्यादा तो नहीं

ये मोती जोड़कर बंध रहा
यादों का बंदरगाह
यादों का बंदरगाह

जितने राज़ हैं, आज सब कह दो
यहाँ सुन ने वालों की ज़बान नहीं
लहरों संग बह गए या हैं दफ़न

आओ बाँट लें जो बचा है
यादों का बंदरगाह
यादों का बंदरगाह
यादों का बंदरगाह



Credits
Writer(s): Abhijit Kacchap, Rono
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