Main Aur Tum

मैं और तुम ना जाने कब "हम" हो गए ऐसे
कि बात-बात में, देखो, खो गए हम यूँ
मैं और तुम ना जाने कब हम हो गए ऐसे
कि बात-बात में, देखो, खो गए हम यूँ

है खामियाँ मुझ में और तुम में भी, तो क्या?
अधूरा है यहाँ हर कोई
अधूरा हूँ मैं पर क्यूँ तेरे संग लगता है यूँ
"हूँ पूरा मैं, ना बाकी कुछ अभी"

तेरे-मेरे दरमियाँ हैं बातें साझा कई
अब ये समझे या ना समझे कोई

मैं और तुम ना जाने कब "हम" हो गए ऐसे
कि बात-बात में, देखो, खो गए हम यूँ

कहानियाँ कई, जो तेरी हो सुना
लिखूँ मैं भी दास्ताँ कोई
लिखेंगे हम मिल दोनों, जहाँ कोई हम सा ना हो
और छिप जाएँ फ़िर पन्नों में दब के कहीं

तेरे-मेरे दरमियाँ हैं यादें साझा कई
अब ये समझे या ना समझे कोई

मैं और तुम ना जाने कब "हम" हो गए ऐसे
कि बात-बात में, देखो, खो गए हम यूँ
बात-बात में, देखो, खो गए हम यूँ
बात-बात में, देखो, खो गए हम यूँ



Credits
Writer(s): Ronit Sarkar, Abhijit Kachhap
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