Titli Ka Sapna

तितली ने इक दिन सोचा
उड़ कर छू लूँ मैं आसमाँ
माँ ने उस को समझाया
रुक जाओ तुम ज़रा

पर तितली ने भरी उड़ान
चल दी छूने आसमाँ
जितना भी ऊपर जाए
आसमाँ वो छू ना पाए

अब उस को बादल समझाए
बेटा, आप क्यूँ ऊपर आए
छूना मुझे पड़ा है मुश्किल
पर मैं ना दुखाऊँगा दिल

खुद आ जाऊँगा मिलने
तुम्हें एक दिन चुपके से
अब जाओ, माँ को मनाओ
मुँह लाल है गुस्से में

तो तितली ने फिर यूँ सोचा
क्यूँ छूना है आसमाँ
मम्मी, sorry, आगे से ना जाऊँगी वहाँ



Credits
Writer(s): Vipin Heero
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link