Jab Koi Baat (Recreated Version)

हो चाँदनी जब तक रात
देता है हर कोई साथ
तुम मगर अँधेरों में
ना छोड़ना मेरा हाथ

ना कोई है
ना कोई था

जब कोई बात बिगड़ जाए
जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा, ओ, हमनवा

जब कोई बात बिगड़ जाए
जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा, ओ, हमनवा

वफ़ादारी की वो रस्में
निभाएँगे हम-तुम क़समें
एक भी साँस ज़िंदगी की
जब तक हो अपने बस में

वफ़ादारी की वो रस्में
निभाएँगे हम-तुम क़समें
एक भी साँस ज़िंदगी की
जब तक हो अपने बस में

ना कोई है, ना कोई था
ना कोई है, ना कोई था
ज़िंदगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा, ओ, हमनवा

जब कोई बात बिगड़ जाए
जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा, ओ, हमनवा



Credits
Writer(s): Rajesh Roshan Nagrath, Indivas
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