Aaj Jaane Ki Zid Na Karo

लकीरों में क्यूँ
ढूंढे उसको जो है बसा दिल में
कि सांसे भी जिसके नाम
कर दी बस इक ही झलक में
सादगी है ये तेरी या
दिल लगाने का भरम
कि पल में उम्र कट गई
जो तू मेरे संग है
इन लम्हों को थामे रखो

आज जाने की ज़िद न करो
आज जाने की ज़िद न करो
यूँ ही पहलू में बैठे रहो
यूँ ही पहलू में बैठे रहो
आज जाने की ज़िद न करो

तुम ये सोचो ज़रा, क्यूँ न रोकें तुम्हें
जान जाती है जब, उठ के जाते हो तुम
जान जाती है जब, उठ के जाते हो तुम
तुमको अपनी क़सम जान-ए-जाँ
बात इतनी मेरी मान लो

आज जाने की ज़िद न करो
आज जाने की ज़िद न करो
हाय मर जायेंगे
हम तो लुट जायेंगे
ऐसी बातें किया न करो
आज जाने की ज़िद न करो



Credits
Writer(s): Vandana Khandelwal, Rahul Jain
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