Wo Ladki

एक साँवरी सी लड़की बावरी सी
ग़ुस्से में पत्ते सी काँपती सी
ज्यों मेरा ज़िक्र सुने भूल से भी
तरक़ीबों से दिल हो ढाँपती सी

वो लड़की मिल जाए तो कहना
हाँ, वो लड़की मिल जाए तो कहना

धूप में पलकों को कस के वो मीचती
चलती हो ज़िंदगी के कश कहीं खींचती

वो लड़की मिल जाए तो कहना
हाँ, वो लड़की मिल जाए तो कहना

थोड़ी-थोड़ी आँखें नम
बातों में था फिर भी दम
हँसी नहीं थी वो ऐसी
जो बात में यूँ ही उड़ जाए
रात में यूँ ही घुल जाए ना, ना, ना

वो लड़की मिल जाए तो कहना
हाँ, वो लड़की मिल जाए तो कहना

धूप में पलकों को कस के वो मीचती
चलती हो ज़िंदगी के कश कहीं खींचती

वो लड़की मिल जाए तो कहना
वो लड़की मिल जाए तो कहना



Credits
Writer(s): Amit Surrendra Trivedi, Jaideep Sahni
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