Mazedaar

गड़बड़ हुई, शहर में
मज़ा है बस, कहर में
जिसकी वजह, नहीं है वो
मौका है छीन ले, वक़्त है गिन ले

सबकी वजह, तू ही है, वो
जाने क्या हो, कल को
यहाँ पागल हैं, सभी तो

जो भी है ये
जो भी है ये
जो भी है ये
है मज़ेदार

जो भी है ये
जो भी है ये
जो भी है ये
है मज़ेदार

किसकी नजर लगी है
यहाँ भसड मची है
सबकी वजह तू ही है, ओ
प्यार तक का नशा है

यहाँ पे पैसा नदी है
सबकी इबादत वही है
जाने क्या हो, कल को
यहाँ पागल हैं, सभी तो

जो भी है ये
जो भी है ये
जो भी है ये
है मज़ेदार

जो भी है ये
जो भी है ये
जो भी है ये
है मज़ेदार

मज़ेदार, मज़ेदार, मज़ेदार
मज़ेदार, मज़ेदार, मज़ेदार
मज़ेदार, मज़ेदार, मज़ेदार

दौड़ भाग, चिल्ला
झुंड का है ये मेला
आएगा फिर कौन भला

दौड़ भाग, चिल्ला
मौत का है मेला
आएगा आगे कौन भला

आत्मा की तृप्ति के लिए
मन की संतुष्टी का होना बहुत आवश्यक है
पर कहाँ है संतुष्टि?
यहाँ तो है बस, चूहों और बिल्लियों की होड़

क्योंकि सबको चाहिए
बस थोड़ा और, थोड़ा और, थोड़ा और

थोड़ा और
थोड़ा और
थोड़ा और

बस थोड़ा और
बस थोड़ा और
बस थोड़ा और
बस थोड़ा और

जो भी है ये
जो भी है ये
जो भी है ये
है मज़ेदार

जो भी है ये
जो भी है ये
जो भी है ये
है मज़ेदार



Credits
Writer(s): Pratik Sunil Kulgod
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