Sai Sufi Poetry (Tu Andhera Nhi Hai)

पार होने के लिए हो जा उनका
तू अँधेरा नहीं है तू है रोशन चराग़ उनका।

जाग उठने के लिए सोना बंद करदे
आज पाने की तड़प पैदा करदे
उनका ही घर बना तुझ मे, तू है ठीकाना उनका।

आरज़ू रोज़ तू मिलने की रख
खुलेगा दर है ये उनका हुनर
सुकून दिलाएगा दिल को वो आना उनका।

झुका सर को उनके सजदे में
वो तुझ मे, कामिल है नादानी छोड़
तिश्नगी मिटाएगा पैमाना उनका।

साईआशीष को नहीं है खौफ कोई
आज मंज़िल में आये चाहे मोड़ कोई
है घनाजंगल,बस्ती, शहर जमाना उनका।



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