Betahasha

आजा तुझपे मैं रख दू चाँद को
इस तरह पा लू तेरे आसमान को
बादलो सा मैं बनके
हर जगह तुझसे मिल के

बेतहाशा बेतहाशा
तुझको ही चाहूं मैं
बेतहाशा बेतहाशा
तुझको ही चाहूं मैं
पहले से थोड़ा ज़यादा
तुझको ही चाहूं मैं हाय

तुम हसो तो जाने मुझको
क्यूँ खुशी मिलती है
हो तुम हसो तो जाने मुझको

क्यूँ खुशी मिलती है
तुमजो रूठो यार मेरी
आखें भी रोती हैं
तुझसे ही तो मैं चलके

रुक्क गया तेरी हदो पे
बेतहाशा बेतहाशा
तुझको ही चाहूं मैं
बेतहाशा बेतहाशा
तुझको ही चाहूं मैं
पहले से थोड़ा ज़यादा

तुझको ही चाहूं मैं हाय

तुम सुबह के सारे सपने
जो के सच होते हैं

हाँ तुम सुबह के सारे सपने
जो के सच हाते हैं
तुमको ही रख के सिरहाने

रात भर सोते हैं
धूप सा कभी बन के
आ मिलो मेरी सुबह से
बेतहाशा बेतहाशा
तुझको ही चाहूं मैं
बेतहाशा बेतहाशा
तुझको ही चाहूं मैं
पहले से थोड़ा जादा
तुझको ही चाहूं मैं
हाय



Credits
Writer(s): Ankit Tiwari, Abhendra Kumar Upadhyay
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link