Tohre Kaaranwa

कईसे करिं हम राजा जी बखान?
तोहर होठ के ई छोट मुस्कान

कईसे करिं हम राजा जी बखान?
तोहर होठ के ई छोट मुस्कान, देखी के हम ढहिले

कि ऐ हो धनी, तहरे करनवा
मनवा भईल बाटे पागल, रात भर जागल रहिले
कि ऐ हो धनी, तहरे करनवा
मनवा भईल बाटे पागल, रात भर जागल रहिले

न-न-न-न-न-न-न-न, ना-ना-ना-रे
न-न-न-न-न-न-न-न, ना-ना-ना-रे
न-न, न-न-न-न-न-न, ना-ना-ना-रे, ना
न-न, न-न-न-न-न-न, ना-ना-ना-रे, ना

चेहरा बा भोला-भाला मन सुद्ध-सोना
ले लेला जानू मिठ बोल के
ना तू कम बाड़ू, ना हम बेसी
मालिक बनौले नाप-तोल के

जब से बनके आईला जिनगी में जान
लागे धरती पे आईल आसमान, हवा में हम बहिले

कि ऐ हो धनी, तहरे करनवा
मनवा भईल बाटे पागल, रात भर जागल रहिले
कि ऐ हो धनी, तहरे करनवा
मनवा भईल बाटे पागल, रात भर जागल रहिले (जागल रहिले)

तोहरा सिवा केहु लागे ना अच्छा
इहे ह प्रीत के असर हो
हमनी के जोड़ी में लागे ना टोनवा
ऐहि से रहेला डर हो

नजरावल नईखा एतना आसान
कईनी ऐहिसे त कजरा ऐ जान, पिया जी सचो कहिलें

कि ऐ हो धनी, तहरे करनवा
मनवा भईल बाटे पागल, रात भर जागल रहिले
कि ऐ हो धनी, तहरे करनवा
मनवा भईल बाटे पागल, रात भर जागल रहिले (जागल रहिले)



Credits
Writer(s): Om Kumar Jha, Amarendra Rao Azad
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