Sar Utha Ke Jiyo

१०० ख़्वाब-ख़्वाब आँखों में भर के
जा रहे हैं हम आगे
बहते पानी की तरह से खुद अपनी राह बना के

है एक जुनून कोई सवार
रहते हैं नींद में जागे
अपने साथ हैं अपने हौसले

जज़्बा है सीने में, जो दिल कहे वो करते रहना है
करते जा, चलते जा, अपना है आसमाँ
कल की तैयारी कर ली, मुश्किलों से अब क्यूँ डरना है?
बढ़ते जा, लड़ते जा

हिम्मत से सर उठा के चल दौड़े जा रे
सर उठा के रुख़ मोड़े हैं सारे
सर उठा के जियो और जीते जा

आ, थोड़ा सर उठा के अब जश्न मना रे
सर उठा के बस आँख मिला रे
सर उठा के जियो और जीते जा

नज़रें मिलाई हमने राहों से
मंज़िल लिपटी हुई है पाँव से
जा के तूफ़ाँ में लौ जलाई है
मुश्किल आसाँ हुई इरादों से

तक़दीरें अपने हाथों से लिखी
तब जीत पाई

माना है बेफ़िक्री, समझो ना यूँ हमको बेपरवाह
जलते हैं, बुझते हैं, खुद में है क़ाफ़िला
मुड़ के ना देखा पीछे, तब जाकर के आए हैं यहाँ
सोचा जो, पाया है

हिम्मत से सर उठा के चल दौड़े जा रे
सर उठा के रुख़ मोड़े हैं सारे
सर उठा के जियो और जीते जा

आ, थोड़ा सर उठा के अब जश्न मना रे
सर उठा के बस आँख मिला रे
सर उठा के जियो और जीते जा

आ, थोड़ा सर उठा के अब जश्न मना रे
सर उठा के बस आँख मिला रे
सर उठा के जियो और जीते जा



Credits
Writer(s): Kunal Verma, Arjun Kanungo
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