Jab Tere Nain Muskurate Hain

जब तेरे नैन मुस्कुराते हैं।
ज़ीस्त के रंज भूल जाते हैं।।

क्यूँ शिकन डालते हो माथे पर।
भूल कर आ गए हम जाते हैं।।

कश्तियाँ यूँ भी डूब जाती हैं।
नाख़ुदा किसलिये डराते हैं।।

इक हसीं आँख के इशारे पर।
क़ाफ़िले राह भूल जाते हैं।।



Credits
Writer(s): Mehdi Hassan, Abdul Hameed Adam
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