Ab Khud Kuch Karna Paray Ga

हाथों पे धरे हम हाथ, बैठेंगे कब तक
क्या बदले हैं हालत ऐसे अबतक
कबतक रोना पढ़ेगा,जो है खोना पढ़ेगा
कहता हूं सुन लो मेरे यार

अब खुद कुछ करना पढ़ेगा
हमको जलना पढ़ेगा, मरना पढ़ेगा
अब खुद कुछ करना पढ़ेगा

कितने सवालों के जवाब, मिले हैं अबतक
कितना किया है इंतजार, और करोगे कबतक
कबतक रोना पढ़ेगा,जो है खोना पढ़ेगा
कहता हूं सुन लो मेरे यार

अब खुद कुछ करना पढ़ेगा
हमको जलना पढ़ेगा, मरना पढ़ेगा
अब खुद कुछ करना पढ़ेगा

ये कहानी हुई पुरानी
कितने लोगों की सुनी जुबानी
तुम्हें जो कहना है कहदो यही वक़्त है जमाना कहेगा
इस कहानी का आखिर अब तुमको बदलना पढ़ेगा

अब खुद कुछ करना पढ़ेगा
हमको जलना पढ़ेगा, मरना पढ़ेगा
अब खुद कुछ करना पढ़ेगा

हमको जलना पढ़ेगा, मरना पढ़ेगा
अब खुद कुछ करना पढ़ेगा
हमको जलना पढ़ेगा, मरना पढ़ेगा
अब खुद कुछ करना पढ़ेगा



Credits
Writer(s): Bilal Maqsood, Faisal Kapadia
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