Ghalin Lotangan Vandin Charan

घालीन लोटांगण, वंदीन चरण
डोळ्यानं पाहीन रूप तुझे
प्रेमे आलिंगन, आनंदे पूजीन
भावे ओवाळींन म्हणे नामा

त्वमेव माता, पिता त्वमेव
त्वमेव बंधु, सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या, द्रविणम त्वमेव
त्वमेव सर्वंमम देव-देव

कायेनवाचा मनसेंद्रीयेरवा
बुद्धयात्मनावा प्रकृती स्वभावा
करोमियज्ञम सकलम परस्मे
नारायणायति समर्पयामि

अच्युतम, केशवम, रामनारायणम
कृष्णदामोदरम, वासुदेवम हरि
श्रीधरम माधवंगोपिकावल्लभम
जानकीनायकम रामचंद्रभजे

हरे राम, हरे राम, राम-राम हरे-हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे
हरे राम, हरे राम, राम-राम हरे-हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे



Credits
Writer(s): Prashant Nandgaonkar, Shantaram Nandgaonkar
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