Behe Chala

ज़िंदगी हा थोड़े थोड़े फ़ासले थे
कुछ तेरे कुछ मेरे क्यूँ दरमियाँ
ज़िंदगी हा थी जो शिकायतों को
कुछ तूने कुछ मैंने सुलझा लिया

ज़िंदगी हा थोड़े थोड़े फ़ासले थे
कुछ तेरे कुछ मेरे क्यूँ दरमियाँ
ज़िंदगी हाँ थी जो शिकायतों को

कुछ तूने कुछ मैंने सुलझा लिया
तेरे इशारों पे मैं चलता रहा
मेरे इशारों पे तू भी चल कभी

तेरे इशारों पे मैं चलता रहा
मेरे इशारों पे तू चल कभी

बेह चला बेह चला
मुसाफ़िरे कहाँ बेह चला
बेह चला बेह चला
बेह चला बेह चला
मुसाफ़िरे कहाँ बेह चला
(बेह चला बेह चला, बेह चला बेह चला)

आधे आधे यहीं
आधे और कहीं

ज़िंदगी हा टूटे टूटे तीनकों को
चुन लें हम बून लें हम इक आशियाँ
ज़िंदगी हा छोटे छोटे पर लेकर
चल देखें जाएँ कहाँ आसमान
क़तरा क़तरा मैं तुझे चुनता रहा
क़तरा क़तरा फिर तू भी बिखर गयी

क़तरा क़तरा मैं तुझे चुनता रहा
क़तरा क़तरा तू बिखर गयी
बेह चला बेह चला
मुसाफ़िरे कहाँ बेह चला
(बेह चला बेह चला, बेह चला बेह चला)
बेह चला बेह चला

मुसाफ़िरे कहाँ बेह चला
(बेह चला बेह चला)

हैं हम मिले सौ सौ दफ़ा
फिर भी क्यूँ तू मिले अजनबी की तरह
है मंज़िलें सब कहीं यहाँ
फिर भी रास्तों में रास्ते उलझ रहे यहाँ

कितना भी मैं चलूँ तेरी ओर
होती कम ही नहीं क्यूँ कभी दूरियाँ
तेरे इशारों पे मैं चलता रहा
मेरे इशारों पे तू भी चल कभी

तेरे इशारों पे मैं चलता रहा
मेरे इशारों पे तू चल कभी
बेह चला बेह चला
मुसाफ़िरे कहाँ बेह चला

(बेह चला बेह चला)
बेह चला बेह चला
मुसाफ़िरे कहाँ बेह चला
(बेह चला बेह चला)

आधे आधे यहीं
आधे और कहीं
आधे आधे यहीं (ज़िंदगी हा)
आधे और कहीं (थोड़े थोड़े फासले थे)

ज़िंदगी हा



Credits
Writer(s): Shashwat Sachdev, Raj Shekhar
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link