Main Dhoondne Ko Zamaane Mein

मैं ढूँढ ने को ज़माने मे जब वफ़ा निकला
मैं ढूँढ ने को ज़माने मे जब वफ़ा निकला
पता चला के ग़लत लेके मैं पता निकला
पता चला के ग़लत लेके मैं पता निकला

मैं ढूँढ ने को ज़माने मे जब वफ़ा निकला
मैं ढूँढ ने को ज़माने मे जब वफ़ा निकला

जिसके आने से मुक़ाम्मल हो गयी थी ज़िंदगी
दस्तकें खुशियों ने दी थी मिट गयी थी हर कमी
क्यूँ बेवजह दी यह सज़ा क्यूँ ख्वाब दे के वो ले गया
जियें जो हम लगे सितम अज़ाब ऐसे वो दे गया

मैं ढूँढ ने को उसके दिल मे जो खुदा निकला
मैं ढूँढ ने को उसके दिल मे जो खुदा निकला
पता चला के ग़लत लेके मैं पता निकला
पता चला के ग़लत लेके मैं पता निकला

मैं ढूँढ ने को ज़माने मे जब वफ़ा निकला
मैं ढूँढ ने को ज़माने मे जब वफ़ा निकला

ढूंढता था एक पल मे दिल जिसे ये सौ दफ़ा
है सुबह नाराज़ उस बिन रूठी शामे दिन खफा
वो आयें ना, ले जायें ना
हा उसकी यादें जो हैं यहाँ
ना रास्ता, ना कुच्छ पता
मैं उसको ढूंढूंगा अब कहाँ

मैं ढूँढ ने जो कभी जीने की वजह निकला
मैं ढूँढ ने जो कभी जीने की वजह निकला

पता चला के ग़लत लेके मैं पता निकला
पता चला के ग़लत लेके मैं पता निकला

मैं ढूँढ ने को ज़माने में जब वफ़ा निकला
मैं ढूँढ ने को ज़माने में जब वफ़ा निकला



Credits
Writer(s): Gaurav Dagaonkar, Arafat Mehmood
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