Din Ko Bhi Itna Andhera - Live

जादू, वो जो सर चढ़ कर बोले
ख़ुमार वो, जो पीने वालों में अनोख़े जज़्बात जगा दे
और McDowell के पेश-कर्दा
Music India के ख़ज़ाने के ये जादूई जाम
जी चाहता है कि कभी ख़ाली ना होने पाएँ
बस भरते ही चले जाएँ

तो लीजिए, अब जो फ़नकार
नग़्मा-ए-जाम छलकाता हुआ आपके सामने तशरीफ़ ला रहा है
शायद उसी के लिए किसी ने कहा है
"नग़्मा-ए-गुल तो सुना
नाला-ए-बुलबुल भी सुना
अब जिगर थाम के बैठो
मेरी बारी आई"

यानी, अब आपके सामने तशरीफ़ ला रहे हैं
आज के मशहूर और नामवर ग़ज़ल गायक, Pankaj Udhas

दिन को भी इतना अँधेरा है मेरे कमरे में
दिन को भी इतना अँधेरा है मेरे कमरे में
साया आते हुए डरता है मेरे कमरे में
दिन को भी इतना अँधेरा है मेरे कमरे में
साया भी आते हुए...
साया आते हुए डरता है मेरे कमरे में
दिन को भी इतना अँधेरा है मेरे कमरे में

ख़ुद मेरा ज़ख़्म है या आपके जूड़े का गुलाब?
ख़ुद मेरा ज़ख़्म है या आपके जूड़े का गुलाब?
ख़ुद मेरा ज़ख़्म है या आपके जूड़े का गुलाब?
जाने क्यूँ शब को महकता है मेरे कमरे में
जाने क्यूँ शब को महकता है मेरे कमरे में

साया आते हुए डरता है मेरे कमरे में
दिन को भी इतना अँधेरा है मेरे कमरे में

शेर अर्ज़ है

ग़म थका-हारा मुसाफ़िर है, चला जाएगा
ग़म थका-हारा मुसाफ़िर है...
ग़म थका-हारा मुसाफ़िर है, चला जाएगा
ग़म थका-हारा मुसाफ़िर है, चला जाएगा
कुछ दिनों के लिए ठहरा है मेरे कमरे में
कुछ दिनों के लिए ठहरा है मेरे कमरे में

साया आते हुए डरता है मेरे कमरे में
दिन को भी इतना अँधेरा है मेरे कमरे में
दिन को इतना भी अँधेरा है मेरे कमरे में

शुक्रिया



Credits
Writer(s): Zafar Gorakhpuri, Pankaj Udhas
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