Jai Veene Vaali - Saraswati Mata Ki Aarti

ॐ जय वीणे वाली
(मैया, जय वीणे वाली)
ऋद्धी-सिद्धी की रहती (ऋद्धी-सिद्धी की रहती)
हाथ तेरे ताली (ॐ जय वीणे वाली)

ऋषि-मुनियों की बुद्धी को शुद्ध तू ही करती
(मैया, शुद्ध तू ही करती)
स्वर्ण की भांति शुद्ध (स्वर्ण की भांति शुद्ध)
माँ तू ही करती (ॐ जय वीणे वाली)

ज्ञान पिता को देती, गगन शब्द से तू
(मैया, गगन शब्द से तू)
विश्व को उत्पन्न करती (विश्व को उत्पन्न करती)
आदि शक्ति से तू (ॐ जय वीणे वाली)

हँसवाहिनी दीजे भीक्षा दर्शन की
(मैया, भीक्षा दर्शन की)
मेरे मन में केवल (मेरे मन में केवल)
इच्छा दर्शन की (ॐ जय वीणे वाली)

ज्योति जगाकर नित्य ये आरती जो गावै
(ये आरती जो गावै)
भवसागर के दुख में (भवसागर के दुख में)
गोता ना कभी खावै (ॐ जय वीणे वाली)

ॐ जय वीणे वाली
मैया, जय वीणे वाली
ऋद्धी-सिद्धी की रहती, ऋद्धी-सिद्धी की रहती
हाथ तेरे ताली, ॐ जय वीणे वाली

ॐ जय वीणे वाली
ॐ जय वीणे वाली



Credits
Writer(s): Sanjeevani Bhelande
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