Baaje Re Muraliya Baaje

विमुख शिखर से धारा धाये
राधा हरि सम्मुख लाये
बाँसुरिया हरि साँवरिया की राधा गोरी सुनवा ले
बाजे मुरलिया बाजे
बाजे रे मुरलिया बाजे

बाजे रे मुरलिया बाजे
बाजे रे मुरलिया बाजे
अधर धरे मोहन मुरली पर
होंठ पे माया बिराजे
बाजे मुरलिया बाजे
बाजे रे मुरलिया बाजे

हरे-हरे बाँस की बनी मुरलिया
मरम मरम को छुए अंगुरिया
चंचल चतुर अंगुरिया जिस पर
कनक मुंदरिया साजे
बाजे मुरलिया बाजे
बाजे रे मुरलिया बाजे

अधर धरे मोहन मुरली पर
होंठ पे माया बिराजे
बाजे मुरलिया बाजे
बाजे रे मुरलिया बाजे

पीली मुंदरी अंगुरी शाम
मुंदरी पर राधा का नाम
आकर देखे सुने मधुर स्वर
राधा गोरी लाजे
बाजे मुरलिया बाजे
बाजे रे मुरलिया बाजे

अधर धरे मोहन मुरली पर
होंठ पे माया बिराजे
बाजे मुरलिया बाजे
बाजे रे मुरलिया बाजे

भूल गई राधा भरी गगरिया
भूल करे गोधन को साँवरिया
जाने न जाने तेरो (?) जाने
जाने अध जग राजे

बाजे मुरलिया बाजे
बाजे रे मुरलिया बाजे ...



Credits
Writer(s): Anil Mohile, Shrinivas Khale, Pt Narendra Sharma
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