Har Gham Mein Khushi Hai
Mumbai fighters
Mr. Ishq Bector
Yeah, boy, burn it now
Ace
सब है देखा, सब है जाना, ये पहचाना और ये माना
ज़िंदगी तो है मुक़ाबला जिसे जीत के दिखाना
मैं सयाना हूँ बेगाना, लेके आया था तराना
और ये गाना जैसे karma सुन के लगे तुझको llama
रोज़ का drama और हंगामा, मेरे पीछे रहते मामा
जैसे मेरे जेब में गाँजा, कुछ भलता है ये माजरा
वो कहते, "छोटे, जा ना, फ़ट-फ़ट से तू सामान ला"
चला आता खूब झाला, फ़िर आया ये उजाला
मैं निराला था अनजाना, अपने-आप को संभाला
अपने-आप को सुधारा, मैंने बदली मेरी धारा
अपने-आप से जुदा था, मैं था जीत के भी हारा
"माँ-बाप में खुदा था," ये पहचाना और ये माना
निभाता हूँ मैं वादा, जो कमाया सीधा आधा
परिवार पहले आता, मेरा प्यार मेरी माता
ਥੋੜ੍ਹਾ ਦਮ ਨਾਲ ਚਿਲਮ, पूरी करें मेरी आशा
मेरे ग़म और सितम मैं तो धुएँ में उड़ाता
जो भी ग़लत, वो सही है, ये अलग ज़िंदगी है
एक तलब सी लगी है, हर ग़म में खुशी है
जो भी ग़लत, वो सही है, ये अलग ज़िंदगी है
एक तलब सी लगी है, हर ग़म में खुशी है
जो भी ग़लत, वो सही है, ये अलग ज़िंदगी है
और एक तलब सी लगी है (हर ग़म में खुशी है)
जो भी ग़लत, वो सही है, ये अलग ज़िंदगी है
एक तलब सी लगी है, हर ग़म में खुशी है
(जो भी ग़लत...)
(ये अलग...)
(एक तलब...)
(हर ग़म में खुशी है)
जो भी ग़लत (वो सही है)
ये अलग (ज़िंदगी है)
एक तलब (लगी है)
हर ग़म में खुशी है
जिसमें रखते हम भरोसा, वही देता हमें धोखा
ये जो मौका तूने छोड़ा, उसने पकड़ा, मारा चौका
जो ना होना वो है होता, जो ना होता वो है होना
अगर साथ है सपनों का, सर पे हाथ है अपनों का
"कल क्या होगा?" ये ना सोचा
माँ क़सम मैं था तंग, मेरे यार मेरे संग
अपने-आप में मगन
वो तो खुद की भी ना सुने, अपना style है दबंग
मेरे शहर में दम, मैं हूँ Haji Malang (ज्वाला)
अलग मेरा ढंग, दिमाग रहता भंग
नकली रैपरों को डंक, when I'm live at उमंग
मैं हूँ सही या ग़लत, आके ले लो मेरा
जा तू मर, बोलती बंद, अब ना बक, चलता बन
हक़ीक़त से लड़, तू तो कभी ना पलट
तू परख, तू समझ, तू तो कभी ना भटक
जीती हार से सीखा मैं हूँ सबसे सरस
तू भी मार के दिखा, अब तो जान अपना सच
जो भी ग़लत, वो सही है, ये अलग ज़िंदगी है
एक तलब सी लगी है, हर ग़म में खुशी है
जो भी ग़लत, वो सही है, ये अलग ज़िंदगी है
एक तलब सी लगी है, हर ग़म में खुशी है
जो भी ग़लत, वो सही है, ये अलग ज़िंदगी है
एक तलब सी लगी है, हर ग़म में खुशी है
जो भी ग़लत, वो सही है, ये अलग ज़िंदगी है
एक तलब सी लगी है, हर ग़म में खुशी है
(ग़लत...)
(ये अलग...)
(एक तलब...)
(हर ग़म में खुशी है)
जो भी ग़लत (वो सही है)
ये अलग (ज़िंदगी है)
एक तलब (लगी है)
हर ग़म में खुशी है
Mr. Ishq Bector
Yeah, boy, burn it now
Ace
सब है देखा, सब है जाना, ये पहचाना और ये माना
ज़िंदगी तो है मुक़ाबला जिसे जीत के दिखाना
मैं सयाना हूँ बेगाना, लेके आया था तराना
और ये गाना जैसे karma सुन के लगे तुझको llama
रोज़ का drama और हंगामा, मेरे पीछे रहते मामा
जैसे मेरे जेब में गाँजा, कुछ भलता है ये माजरा
वो कहते, "छोटे, जा ना, फ़ट-फ़ट से तू सामान ला"
चला आता खूब झाला, फ़िर आया ये उजाला
मैं निराला था अनजाना, अपने-आप को संभाला
अपने-आप को सुधारा, मैंने बदली मेरी धारा
अपने-आप से जुदा था, मैं था जीत के भी हारा
"माँ-बाप में खुदा था," ये पहचाना और ये माना
निभाता हूँ मैं वादा, जो कमाया सीधा आधा
परिवार पहले आता, मेरा प्यार मेरी माता
ਥੋੜ੍ਹਾ ਦਮ ਨਾਲ ਚਿਲਮ, पूरी करें मेरी आशा
मेरे ग़म और सितम मैं तो धुएँ में उड़ाता
जो भी ग़लत, वो सही है, ये अलग ज़िंदगी है
एक तलब सी लगी है, हर ग़म में खुशी है
जो भी ग़लत, वो सही है, ये अलग ज़िंदगी है
एक तलब सी लगी है, हर ग़म में खुशी है
जो भी ग़लत, वो सही है, ये अलग ज़िंदगी है
और एक तलब सी लगी है (हर ग़म में खुशी है)
जो भी ग़लत, वो सही है, ये अलग ज़िंदगी है
एक तलब सी लगी है, हर ग़म में खुशी है
(जो भी ग़लत...)
(ये अलग...)
(एक तलब...)
(हर ग़म में खुशी है)
जो भी ग़लत (वो सही है)
ये अलग (ज़िंदगी है)
एक तलब (लगी है)
हर ग़म में खुशी है
जिसमें रखते हम भरोसा, वही देता हमें धोखा
ये जो मौका तूने छोड़ा, उसने पकड़ा, मारा चौका
जो ना होना वो है होता, जो ना होता वो है होना
अगर साथ है सपनों का, सर पे हाथ है अपनों का
"कल क्या होगा?" ये ना सोचा
माँ क़सम मैं था तंग, मेरे यार मेरे संग
अपने-आप में मगन
वो तो खुद की भी ना सुने, अपना style है दबंग
मेरे शहर में दम, मैं हूँ Haji Malang (ज्वाला)
अलग मेरा ढंग, दिमाग रहता भंग
नकली रैपरों को डंक, when I'm live at उमंग
मैं हूँ सही या ग़लत, आके ले लो मेरा
जा तू मर, बोलती बंद, अब ना बक, चलता बन
हक़ीक़त से लड़, तू तो कभी ना पलट
तू परख, तू समझ, तू तो कभी ना भटक
जीती हार से सीखा मैं हूँ सबसे सरस
तू भी मार के दिखा, अब तो जान अपना सच
जो भी ग़लत, वो सही है, ये अलग ज़िंदगी है
एक तलब सी लगी है, हर ग़म में खुशी है
जो भी ग़लत, वो सही है, ये अलग ज़िंदगी है
एक तलब सी लगी है, हर ग़म में खुशी है
जो भी ग़लत, वो सही है, ये अलग ज़िंदगी है
एक तलब सी लगी है, हर ग़म में खुशी है
जो भी ग़लत, वो सही है, ये अलग ज़िंदगी है
एक तलब सी लगी है, हर ग़म में खुशी है
(ग़लत...)
(ये अलग...)
(एक तलब...)
(हर ग़म में खुशी है)
जो भी ग़लत (वो सही है)
ये अलग (ज़िंदगी है)
एक तलब (लगी है)
हर ग़म में खुशी है
Credits
Writer(s): Mumbai Premkumar, Ishq Bector
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