Bhula Diya

तेरी आँखों की गहराई में समा गए हैं हज़ारों ग़म
जो इनमें मिला है सुकूँ मुझे, कहीं नहीं है खुदा कसम
तेरी निगाहों ने जानाँ, मुझको नसीब मेरा दिखा दिया
हर एक मंज़िल से मेरी मुझको बस एक लमहे में मिला दिया

हो, मैंने इश्क़ की हर गली को सजा दिया तेरे नाम से
मैंने खुद को भुला दिया, भुला दिया
हो, मैंने इश्क़ की हर गली को सजा दिया तेरे नाम से
मैंने खुद को भुला दिया, भुला दिया

साँसे ना चलें तेरे बिना
ऐसा लगे जैसे कि सारा जहाँ थम गया
शामें ना ढलें तेरे बिना, सुबह ना हो
ऐसे कि मौसम तू ही बन गया

तेरी पनाहों ने मुझको तो इन अहसासों में डुबा दिया
तेरी इबादतों ने मुझको सजदों के क़ाबिल बना दिया

हो, मैंने इश्क़ की हर गली को सजा दिया तेरे नाम से
मैंने खुद को भुला दिया, भुला दिया
हो, मैंने इश्क़ की हर गली को सजा दिया तेरे नाम से
मैंने खुद को भुला दिया, भुला दिया



Credits
Writer(s): Anurag Saikia, Am Turaz
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link