Dilnashin Dilnashin

दिल के जहान में एक आग सी लगी है
हो दिल के जहान में एक आग सी लगी है
मैं हूँ, तुम हो, इश्क़ है, तिश्नगी है

दिल-नशीं, दिल-नशीं, दिल-नशीं, दिल-नशीं
दिल-नशीं, दिल-नशीं (दिल-नशीं, दिल-नशीं)
दिल-नशीं, दिल-नशीं, दिल-नशीं, दिल-नशीं
दिल-नशीं, दिल-नशीं (दिल-नशीं, दिल-नशीं)

दिल के जहान में एक आग सी लगी है
मैं हूँ, तुम हो, इश्क़ है, तिश्नगी है

दिल-नशीं, दिल-नशीं, दिल-नशीं, दिल-नशीं
दिल-नशीं, दिल-नशीं (दिल-नशीं, दिल-नशीं)
दिल-नशीं, दिल-नशीं, दिल-नशीं, दिल-नशीं
दिल-नशीं, दिल-नशीं (दिल-नशीं, दिल-नशीं)

बयाँ करूँ मैं कैसे? जानाँ, सुनाऊँ मैं कैसे?
तुझको दिखाऊँ कैसे धड़कन की हलचल को? (हलचल को)
माने ना कहना मेरा, यारा, मनाऊँ कैसे?
कह दे, सँभालूँ कैसे मैं इस दिल पागल को? (पागल को)

तू मेरा अरमाँ, तू मेरी चाहत, तू मेरा प्यार है
इश्क़ के तूफ़ान में एक आग सी लगी है
मैं हूँ, तुम हो, इश्क़ है, तिश्नगी है

दिल-नशीं, दिल-नशीं, दिल-नशीं, दिल-नशीं
दिल-नशीं, दिल-नशीं (दिल-नशीं, दिल-नशीं)
दिल-नशीं, दिल-नशीं, दिल-नशीं, दिल-नशीं
दिल-नशीं, दिल-नशीं (दिल-नशीं, दिल-नशीं)

तेरे हसीं चेहरे पे, तेरी खुली ज़ुल्फ़ों पे
तेरी झुकी आँखों पे मैं पल-पल मरता हूँ (मरता हूँ)
दीवानगी से ज़्यादा, दिल की लगी से ज़्यादा
इस ज़िंदगी से ज़्यादा इश्क़ तुझसे करता हूँ (करता हूँ)

तू मेरी ख़्वाहिश, तू मेरी साँसें, तू मेरा चैन है
जज़्बों के मकान में एक आग सी लगी है
मैं हूँ, तुम हो, इश्क़ है, तिश्नगी है

दिल-नशीं, दिल-नशीं, दिल-नशीं, दिल-नशीं
दिल-नशीं, दिल-नशीं (दिल-नशीं, दिल-नशीं)
दिल-नशीं, दिल-नशीं, दिल-नशीं, दिल-नशीं
दिल-नशीं, दिल-नशीं (दिल-नशीं, दिल-नशीं)



Credits
Writer(s): Sameer
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