Dosti Ka Hisaab

दोस्ती का कैसा तू हिसाब कर गया
दोस्ती का कैसा तू हिसाब कर गया
अपनी ज़िन्दगी का पन्ना मेरे नाम कर गया
अपनी ज़िन्दगी का पन्ना मेरे नाम कर गया

दर्द मेरे दिल में बेहिसाब कर गया
दर्द मेरे दिल में बेहिसाब कर गया
अपनी ज़िन्दगी का पन्ना मेरे नाम कर गया
अपनी ज़िन्दगी का पन्ना मेरे नाम कर गया

माना वक़्त ने हमको आज़माया था
टूटते-बिखरते खुदको मैंने भी तो पाया था
हाल-ए-दिल अगर अपना मुझको यार तू बताता
ज़िन्दगी मैं अपनी देके तुझको बचाता
उम्र भर का दर्द क्यूं तू यार दे गया
उम्र भर का दर्द क्यूं तू यार दे गया
आँसुओ को मेरे सैलाब कर गया
दोस्ती का कैसा तू हिसाब कर गया
अपनी ज़िन्दगी का पन्ना मेरे नाम कर गया

यार तूने हमको कैसा दिया ये सबक है
ऐहसान देने का बस तुझको ही क्या हक़ है
फिसला मैं जब भी तूने थामा मेरा हाथ रे
दुनिया में प्यारा मुझको यारा तेरा साथ रे
जान देके हमको बेजान कर गया
जान देके हमको बेजान कर गया
रास्ता ये कैसा इख्तियार कर गया
दर्द मेरे दिल में बेहिसाब कर गया
अपनी ज़िन्दगी का पन्ना मेरे नाम कर गया

दोस्ती का कैसा तू हिसाब कर गया
दोस्ती का कैसा तू हिसाब कर गया
अपनी ज़िन्दगी का पन्ना मेरे नाम कर गया



Credits
Writer(s): Nikhil Nikhil, Kulgaurav Sheetal, Shantanu Shantanu
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