Jahaan Tu Chala

कहता कुछ और, करता है और
लेता है क्यूँ दिल पे ज़ोर? बतला, बतला
कोरी सी रात को भर दे आज
तू खोल दे सब राज़-राज़, बह जा, बह जा
गुप-चुप सा क्यूँ है तू ये बता
कुछ तो हँसी को दे जगह, बेवजह, बेवजह

खोए-खोए बेपरवाह हो
बातों-बातों में सुबह हो
लमहों को ले सजा, नहीं है तू तनहा

चलूँ मैं वहाँ जहाँ तू चला
चलूँ मैं वहाँ जहाँ तू चला

समझा-बुझा के देखते हैं, दिन-दुपहरे सेकते हैं
चल बुने नई कहानियाँ
बेइरादा सड़कों पे तारीकों को ढकेलते हैं
चल वहाँ जहाँ ना हो गया

चलूँ मैं वहाँ जहाँ तू चला
चलूँ मैं वहाँ जहाँ तू चला

चलूँ मैं वहाँ (कैसा भी हो समाँ)
जहाँ तू चला (रहूँ साथ सदा)
कैसा भी हो समाँ, रहूँ साथ सदा



Credits
Writer(s): Jasleen Royal, Aditya Sharma
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