Jab Jana He Tha

कल हम बैठे साथ वहीं
फिर क्यों तुम हो आज नहीं
धुआँ - धुआँ सा मौसम है
चलने कि कोई राह नहीं

कल हम बैठे साथ वहीं
फिर क्यों तुम हो आज नहीं
धुआँ - धुआँ सा मौसम है
चलने कि कोई राह नहीं

जब जाना
जब जाना ही था
फिर आये थे क्यों

जब मिलना ना था
फिर आये थे क्यों

अब कैसी ये रात नयी
कहने को तो साथ यही
झुकी - झुकी सी नज़रें हैं
सिमटी यादें आज सभी

धीमे इन बाहों में, चुपके
रातों में कोई आया था
तनहा इन हाथों को थामे
आज कोई सेहला देता

बातें थी कम
कोई ना संग
फिर भी हमदम
हम क्यों थे संग संग

जब बातें थी कम
कोई ना संग
फिर भी हमदम
हम क्यों थे संग संग

जब कहना
जब कहना ना था
फिर रोका था क्यों
जब मिलना ना था
फिर आये थे क्यों
जब जाना ही था
फिर आये थे क्यों

जब जाने कि थी बातें आयी
मिल के मगर कह तो दिया
जीना तेरे बिन मुश्किल है
मगर, तेरे बिना जीना सीख लिया

आखों में है प्यार लिए
दीवाना रातों में भी जगता है
मिलने कि चाह लिए
दीवाना मंदिर मस्जिद फिरता है
ऊँची दीवारों पे
नीची मीनारों में
इन्ही दीवारों के
ऐसे आकारों में

आखों में भी, सांसों में भी
बातों में भी मिलता है
दिल में ऐसे कोई
जैसे कोई नही गिरता है

जब जाना ही था
जब जाना ही था
जब जाना ही था
जब मिलना ना था
फिर आये थे क्यों



Credits
Writer(s): Shaskvir Shaskvir
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