Baaghi Re

बाग़ी रे
अभागी रे
बाग़ी रे
अभागी रे

काली काली माटी सानी
आत्मा को धो ना पाए
आधा घर मांग लिए
आधा काँधे पे उठाये

एक सदी हो चली
आँख ना लागी रे
थोड़ी भी लाल है
रात की दागी रे
बाग़ी रे
अभागी रे

ना विष्णु के अवतार
भयो रे भयो
ना सर्पन की भूंकार
भयो रे भयो

ना विष्णु के अवतार
भयो रे भयो
ना सर्पन की भूंकार
भयो रे भयो
सगरे भी हल्की सौदार
भयो रे भयो रे भयो रे भयो रे
भयो रे
पुण्य के खेल में
पाप का भागी रे
थोड़ी भी लाल है
रात की दागी रे

बाग़ी रे
अभागी रे
न यमदूत न काल
भयो रे भयो
न विक्रम वेताल
भयो रे भयो
न यमदूत न काल
भयो रे भयो
न विक्रम वेताल
भयो रे भयो

चम्बल नदी के घड़ियाल
भयो रे भयो रे भयो रे भयो रे
भयो रे

पैर में धूल है
रूह में दागी रे
थोड़ी भी लाल है
रात की दागी रे
बाग़ी रे
अभागी रे



Credits
Writer(s): Vishal Bhardwaj, Varun Grover
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