Zahreeli Raatein

ज़हरीली राते नींदे उड़ जाती है,
भूलू तुझे तो याद तू आती है...
ज़हरीली राते नींदे उड़ जाती है,
भूलू तुझे तो याद तू आती है।

आलम ये खफा सा है
अनजाना सा नशा सा है
ज़हरीली राते

दूर जितनी भी मुझसे तू पास तेरे मै
अब तो आदत सी है मुझको ऐसे जीने की
दर्द बढ़ता है छूतें ही इतनी चोटे
अब तो हालत भी हैं ऐसी मेरे सीने की

ज़हरीली राते नींदे उड़ जाती है,
भूलू तुझे तो याद तू आती है...
ज़हरीली राते नींदे उड़ जाती है,
भूलू तुझे तो याद तू आती है।

चाहत ऐसी है यह तेरी बढ़ती जाए
राहत एक पल ना क्यू मिले बस ये सताए
याद गहरी है किस तरह दिल डूब जाए
मै तो देखू जो ख्वाब भी वो टूट जाए

ज़हरीली राते नींदे उड़ जाती है,
भूलू तुझे तो याद तू आती है.
ज़हरीली राते नींदे उड़ जाती है,
भूलू तुझे तो याद तू आती है।

आलम ये खफा सा है
अनजाना सा नशा सा है
ज़हरीली राते
ओ...



Credits
Writer(s): Praveen Bhardwaj
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