Koi Taza Hawa

कोई ताज़ा हवा मन को छू गई
मुझे ऐसा लगा जैसे तू गई
कोई ताज़ा हवा मन को छू गई
मुझे ऐसा लगा जैसे तू गई

देखूँ यहाँ, देखूँ वहाँ, चारों तरफ़ आए नज़र
देखूँ यहाँ, देखूँ वहाँ, चारों तरफ़ आए नज़र
तू, बस तू, तू, बस तू

कोई ताज़ा हवा मन को छू गई

तेरा नशा है, ख़ुमारी है
पूछो ना क्या बेक़रारी है
तेरे बिना, मेरी जान-ए-जाँ
मुश्किल है दिन, रात भारी है

अब तो मेरे ख़याल में, धड़कनों के सवाल में
अब तो मेरे ख़याल में, धड़कनों के सवाल में
तू, बस तू, तू, बस तू

कोई ताज़ा हवा मन को छू गई

मेरी नज़र में, नज़ारों में
तू है बसी चाँद-तारो में
तेरा दुपट्टा महकता है
फूलों की महकी बहारों में

हर गली, हर मकान में, इस ज़मीं-आसमान में
हर गली, हर मकान में, इस ज़मीं-आसमान में
तू, बस तू, तू, बस तू

कोई ताज़ा हवा मन को छू गई
मुझे ऐसा लगा जैसे तू गई

देखूँ यहाँ, देखूँ वहाँ, चारों तरफ़ आए नज़र
देखूँ यहाँ, देखूँ वहाँ, चारों तरफ़ आए नज़र
तू, बस तू, तू, बस तू
तू, बस तू, तू



Credits
Writer(s): Jatin-lalit, Sameer
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